बाल विकास की विभिन्न अवस्थाएं एवं विकास के पहलू विडियो देखें
बाल
विकास एक व्यापक अवधारणा है जिसके अंतर्गत मनुष्य में जन्म से लेकर मृत्युपर्यंत
होने
वाले सभी परिमाणात्मक तथा गुणात्मक परिवर्तनों को सम्मिलित किया जाता है ,
विकास एक क्रमिक तथा निरंतर चलने वाली सतत
प्रक्रिया है, जो
शारीरिक वृद्धि के अवरुद्ध हो जाने के बाद भी चलता रहता है तथा जन्म से लेकर
मृत्युपर्यंत चलता रहता है. यह क्रमबद्ध रूप से होने वाले सुसंगत परिवर्तनों की
क्रमिक श्रृंखला है. कहने का तात्पर्य यह है कि ये परिवर्तन
एक
निश्चित दिशा में होते हैं जो सदैव आगे की ओर उन्मुक्त रहती है.
वृद्धि
तथा विकास में अंतर:
मानव
विकास के आयाम :
बाल
विकास में अधिगम को प्रभावित करने वाले कारक
अधिगम के सिद्धांत
अधिगम के सिद्धांत